अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में बचे सिर्फ एक यात्री रमेश ने PM मोदी को बताया क्या हुआ था उस टाइम?

अहमदाबाद के नजदीक हुए भीषण विमान हादसे में 270 लोगों की मौत के बीच एकमात्र जिंदा बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार ने आज पूरे देश को हिला देने वाला खुलासा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान रमेश ने बताया कि “अचानक विमान का दरवाजा टूट गया और मैं अपनी सीट के साथ ही नीचे जमीन पर गिर गया।” उनकी यह बयानी इस भयानक हादसे की गवाही दे रही है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।

“ये करिश्मे से कम नहीं” – रमेश का संघर्ष और चमत्कारिक बचाव

जब पूरा विमान आग की लपटों में घिर गया था, तब रमेश का बच पाना किसी चमत्कार से कम नहीं है। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने बताया कि “मैंने देखा कि विमान का एक हिस्सा अचानक टूट गया और मैं बाहर की ओर गिरने लगा।” गिरते समय उन्हें कुछ पेड़ों और झाड़ियों का सहारा मिला, जिससे उनकी जान बच गई।

PM मोदी ने की रमेश से मुलाकात, 10 मिनट तक चली बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद अस्पताल पहुंचकर रमेश से करीब 10 मिनट तक बातचीत की। उन्होंने रमेश के साहस की सराहना की और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। PM मोदी ने कहा कि “रमेश की कहानी हम सभी के लिए एक सबक है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए।”

हादसे की जांच में क्या सामने आ रहा है?

जांच एजेंसियों का मानना है कि यह हादसा एक गंभीर तकनीकी खामी की वजह से हुआ। विमान के लैंडिंग गियर सिस्टम में खराबी और पायलट के साथ एयर ट्रैफिक कंट्रोल का कम्युनिकेशन गैप प्राथमिक कारण बताए जा रहे हैं। ब्लैक बॉक्स की जांच से और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।

265 शवों की पहचान का सिलसिला जारी, DNA टेस्ट से मिल रही मदद

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 265 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है, लेकिन अभी तक केवल 7 लोगों की पहचान हो पाई है। अधिकारियों ने DNA सैंपलिंग शुरू कर दी है, ताकि परिजनों को उनके अपनों का शव सौंपा जा सके।

“लगा जैसे भूकंप आ गया हो” – प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भयावह मंजर

हादसे के वक्त मौजूद लोगों ने बताया कि “अचानक भीषण धमाका हुआ और चारों तरफ धुआं-धुआं हो गया।” कुछ लोगों ने कहा कि “विमान जमीन से टकराते ही आग के गोले में तब्दील हो गया।”

हादसे में कई परिवारों का सहारा छिना

इस हादसे में जोधपुर की खुशबू जैसी कई युवाओं की जान चली गई, जो पहली बार लंदन में अपने पति से मिलने जा रही थीं। वहीं, पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी इस उड़ान में सवार थे, जिनका निधन हो गया।

निष्कर्ष

अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने एक बार फिर विमान सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। DGCA ने नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, लेकिन सबसे बड़ी सीख यह है कि जीवन अनमोल है और हर पल का महत्व समझना चाहिए। रमेश की कहानी हमें यही संदेश देती है कि “हिम्मत न हारो, क्योंकि जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं!”

Leave a Comment